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बीए सेमेस्टर-2 - गृह विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2718
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 - गृह विज्ञान

अध्याय - 2
तन्तु

(Fiber)

वस्त्र निर्माण की साधारण इकाई तन्तु है । तन्तुओं का मूल व प्रारम्भिक स्रोत प्रकृति ही है। प्रकृति में ये तन्तु पेड़-पौधों, जानवरों व कीड़ों से प्राप्त किये जाते हैं। आजकल रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा अनेक नवीन प्रकार के तन्तु भी बनाये जा रहे हैं, जिन्हें रासायनिक या संश्लेषित तन्तु कहते हैं। इन्हीं तन्तुओं को विभिन्न क्रियाओं से गुजारकर सुन्दर व आकर्षक वस्त्र तैयार किये जाते हैं, जिन्हें व्यक्ति अपनी आवश्यकता व रुचि के अनुसार पहनता है। तन्तुओं के प्राप्ति स्रोत के आधार पर इन्हें दो वर्गों मेंविभाजित कर सकते हैं -

1. प्राकृतिक तन्तु तथा
2. क्रत्रिम तन्तु ।

मानव जीवन वस्त्र विज्ञान से घनिष्ठ रूप से सम्बद्ध है। मानव को किसी भी दशा में वस्त्र से और वस्त्र को किसी भी दशा में मानव से पृथक नहीं किया जा सकता है। बिना वस्त्रों के मानव सभ्यता का विकास असम्भव है और यही कारण है कि आज वस्त्र विज्ञान सबसे अधिक विकसित होता हुआ महत्वपूर्ण विज्ञान है।

कुछ तन्तु क्रत्रिम व रासायनिक विधियों से भी निर्मित किये जाते हैं। हमारी वस्त्र सम्बन्धी आवश्यकता का 70% भाग पेट्रो-केमिकल्स से सम्बन्धित वस्त्रों का ही है। एक्रोलिक तन्तुओं से निर्मित वस्त्रों में ऊनी वस्त्रों के समान गर्मी व अवरोधन क्षमता पायी जाती है।

नवीन आधुनिक प्रकार के तन्तुओं ने वस्त्र निर्माण के इतिहास में एक नवीन युग का सूत्रपात किया है। इन तन्तुओं को उचित ताप प्रदान कर इनकी आकार-धारिता को स्थिर बना दिया जाता है जिससे इनकी सजीवता में नयापन सदैव बना रहता है।

स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य

• पहाड़ों पर व्यक्ति शरीर को गर्म करने के लिए ऊनी कपड़े पहनते हैं।
• अन्तरिक्ष यात्रियों व वायुयान चालकों के लिये जल अभेद तथा अज्वलनशील वस्त्र बनाये जाते हैं।
• प्राचीन समय में आदिवासी अपने शरीर को ढकने के लिये वस्त्र के स्थान पर पेड़ों के पत्तों तथा जानवरों की खाल का प्रयोग करते थे।
• राचीन काल में सर्वप्रथम भारत और मिस्र ने नये-नये रेशे तैयार करने का कार्य आरम्भ किया।
• कीड़े व फफूँदी से वस्त्रों का बचाव करना चाहिए।
• एक गृहिणी को वस्त्र निर्माण व वस्त्र विज्ञान का उचित ज्ञान होना आवश्यक है।
• किसी व्यक्ति के सामाजिक स्थिति का अभिनिर्धारण, पेशा आदि उसके वस्त्रों के द्वारा सम्भव है।
• वस्त्र विज्ञान एक अवकसित विज्ञान है ।
• अस्पतालों में ऑपरेशन के दौरान पट्टियों को विशिष्ट क्रियाओं द्वारा एण्टीसेप्टीक बनाया जाता है।
• प्रारम्भ में मनुष्य जंगल में रहते थे और वे निर्वस्त्र घूमते थे ।
• विद्युत चलित यन्त्रों से वस्त्रों का उत्पादन कार्य किया जाने लगा है।
• वस्त्र क्रय करते समय मस्तिष्क में वस्त्र खरीदने का प्रयोज स्पष्ट होना चाहिए
• वस्त्रों का निर्माण तन्तुओं के द्वारा होता है।
• वनस्पति जगत में जनित रेशों की रचना का मुख्य भाग सेल्यूलोज होता है।
• कपास के पौधे से जिन तन्तुओं को निकालकर मशीनों में भेजते हैं उसे बिनौले कहते हैं
• बंग्लादेश जूट के उत्पादन के लिये प्रसिद्ध है।
• नाइट्रो सेल्यूलोज रेयान का निर्माण प्रो. जार्ज एडमर्स ने किया था ।
• कपास को बीज वाला तन्तु कहते हैं।
• अण्डे → लार्वा प्यूपा कीड़ा ये चक्र अण्डे से कीड़ा निकलने का है।
• ओरलॉन तन्तु का निर्माण सन् 1944 में किया गया था।
• नॉयलान का तन्तु बहुलक रेशा है।
• एस्बेस्टास के तन्तु अत्यन्त कोमल लम्बे व बारीक होते हैं। ये ताप को कुचालक होते हैं।
• सेल्युलोज तन्तु जलाने पर पीली लौ से जलते हैं तथा कागज जलने जैसी गन्ध देते हैं।
• जान्तव तन्तु पशुओं की खाल व कीड़ों के स्राव से प्राप्त किये जाते हैं।
• लिनन का तन्तु फ्लास्क नामक पौधे के तने या डण्ठल से प्राप्त किया जाता है।
• कपास के बने सूती वस्त्र उपयोगी एवं विश्वव्यापी हैं।
• विस्कोस रेयान को कास्टिक सोडा के पतले घोल में डालकर गाढ़ा होने देते हैं। इस पदार्थ को विस्कोस पदार्थ कहते हैं।
• कपास की जन्म भूमि भारत है।
• सूती वस्त्र ज्यादातर यूरोपीय देशों में बेचे जाते हैं।
• कपास के उत्पादन में सर्वोच्च स्थान अमेरिका का है।
• तन्तुओं को समानान्तर क्रम में रखकर उन पर कंघी की जाती है। इसे कॉक्ड स्लाइवर कहते हैं।
• कपसा का तन्तु अनुप्रस्थ काट में लम्बा दिखता है।
• कपास के बीज से तेल व जानवरों के खाने के लिए खली तैयार होती है।
• लिनन वस्त्र की सतह पर रोंए नहीं होते हैं।
• लिनन के तन्तुओं के रेशे की औसत लम्बाई 12" से 20" तक होती है।
• लिनन के रेशे को अनुदैर्ध्य काट देखी जाय तो वह सीधा बेलनाकार दिखेगा।
• लिनन के तन्तुओं में आवशोषकता अधिक होती हैं। इसीलिए इसके तौलिये व रुमाल अधिक बनते हैं।
• तनों के बण्डलों में पानी डालकर रखने से व लगातार डूबा रहने से उसमें जीवाणु उत्पन्न हो जाते हैं ।
• लिनन का रेशा मुख्यतः सेल्यूलोज का बना होता है। उसका प्रतिशत 63.7% होता है।
• लिनन फ्लस्क का पौधा प्रतिवर्ष बोया जाता है।
• लिनन के वस्त्रों पर काफी गर्म इस्त्री की जा सकती है।
• लिनन तन्तुओं से प्राप्त वस्त्रों पर गीली अवस्था में शीघ्र ही फफूँदी लग जाती है।
• क्षार से लिनन के तन्तु पर कोई क्षति नहीं पहुँचती है।
• मूँगा रेशम के कीड़े ओक के वृक्षों की पत्तियाँ खाकर पलते हैं।
• 18वीं शताब्दी में स्पेन में रेशम का उत्पादन किया गया।
• भारत में सिल्क उत्पादन भारत व जम्मू काशमीर में किया जाता है ।
• आधुनिक युग में रेशम के उत्पादन के लिये जापान प्रथम स्थान पर है।
• प्राचीन काल में रेशमी वस्त्र राजसी वैभव का द्योतक माना जाता है।
• रेशम पर चढ़ाये गये रंग, धूप, प्रकाश व पानी में खराब नहीं होते हैं।
• रोम में जूलियस सीजर के समय रेशम का सर्वप्रथम प्रयोग किया गया था ।
• कीडे के शरीर पर पायी जाने वाली अन्य दो ग्रन्थियों से सिरोसिन नामक द्रव निकलता है ।
• मशीनों बूल ऊन के तन्तुओं की प्राप्ति यूरोप में होती हैं।
• विश्व की सबसे महंगी ऊन रिक्युना नामक पशु की खाल से प्राप्त होती है।
• ऊन के केयटिन नामक एक प्रोटीन युक्त पदार्थ से बनी होती है।
• ऊन को गंधक के तेजाब के घोल में धोया जाता है।

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    अनुक्रम

  1. अध्याय - 1 परिधान एवं वस्त्र विज्ञान का परिचय
  2. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  3. उत्तरमाला
  4. अध्याय - 2 तन्तु
  5. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  6. उत्तरमाला
  7. अध्याय - 3 सूत (धागा) का निर्माण
  8. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  9. उत्तरमाला
  10. अध्याय - 4 तन्तु निर्माण की विधियाँ
  11. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  12. उत्तरमाला
  13. अध्याय - 5 वस्त्र निर्माण
  14. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  15. उत्तरमाला
  16. अध्याय - 6 गृह प्रबन्धन का परिचय
  17. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  18. उत्तरमाला
  19. अध्याय - 7 संसाधन, निर्णयन प्रक्रिया एवं परिवार जीवन चक्र
  20. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  21. उत्तरमाला
  22. अध्याय - 8 समय प्रबन्धन
  23. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  24. उत्तरमाला
  25. अध्याय - 9 शक्ति प्रबन्धन
  26. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  27. उत्तरमाला
  28. अध्याय - 10 धन प्रबन्धन : आय, व्यय, पूरक आय, पारिवारिक बजट एवं बचतें
  29. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  30. उत्तरमाला
  31. अध्याय - 11 कार्य सरलीकरण एवं घरेलू उपकरण
  32. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  33. उत्तरमाला

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